ज़िन्दगी बड़ी बेरंग होती
अगर तुम न होते ..
वह चार लम्हो का साथ न होता
तो ज़िन्दगी बड़ी मायुश होती
कुछ बस यूँही नहीं होता
सब कुछ किसी न
किसी वजह से होता है
हम बस देर से समझते है
कभी कभी जान बुझ कर
समझना ही नहीं चाहते
यह बस मेरे ही जज्बात है
जो बस मेरे पास ही मेहफ़ूज़ है
इन बातों का अब कोई मोल नहीं
पर मेरे लिए अनमोल है !! ..
ज़िन्दगी बड़ी बेरंग होती
अगर तुम न होते ..
वह चार लम्हो का साथ न होता
तो ज़िन्दगी बाड़ी मायुश होती
आज वही लम्हों को दुबारा
जीने की आस होती है
कुछ बस यूँही नहीं होता
सब कुछ किसी न
किसी वजह से होता है
हम बस देर से समझते है
कभी कभी जान बुझ कर
समझना ही नहीं चाहते
यह बस मेरे ही जज्बात है
जो बस मेरे पास ही मेहफ़ूज़ है
इन बातों का अब कोई मोल नहीं
पर मेरे लिए
अनमोल है ..
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