श्मशान की देवी तू, माँ चंडी अब आस,
एक तुझसे ही बची है, जीवन की अंतिम साँस।
पुकार ले अपनी गोदी में, सुला दे आँचल तले,
थक चुकी हूँ मैं अब माँ, उम्मीद के सब रंग ढले।
तू सुला दे मुझे माँ, एक आखरी बार प्यार से,
न लड़ने की ताकत बची, न कुछ सुनने को अब।
जाने दे मुझको अब माँ, न कर और परेशान,
बस एक बार तू बुला ले, मिटा दे हर निशान।
बहुत हुआ अब जीवन, और कुछ भी नहीं भाता,
बस यही विनती है माँ, तू सुला दे मुझको माता।
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